बारह ज्योतिर्लिंग, 12 ज्योतिर्लिंग, ज्योतिर्लिंग शिव के स्थान, नाम और स्थान और कहानी.

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Did you know : Originally known as 64 Jyothirling in India, 12 Jyotirlingam is considered to be very auspicious and sacred.
  • Maha Shivratri

हिन्दूओं में ज्योतिलिंग का एक अपना प्रमुख महत्व है तथा ज्योतिर्लिंगम का उल्लेख हिन्दूओं के वेद व पुराणों में मिलता है। ज्योतिर्लिंग या ज्योर्लिंग एक ईश्वरीय शक्ति को प्रदर्शित करते है। जो सवौच्च भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करते है। ज्योति का अर्थ है ‘चमक’ या ‘प्रकाश का स्त्रोत’। र्लिंगम जो भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है जो बताता है शिव ही सर्वशक्तिमान व दिव्य है।

भारत में 12 ज्योतिर्लिंगम मंदिर है ये भारत के अलग अलग राज्यों में स्थित है। मूल रूप से भारत में 64 ज्योर्लिंगम माने जाते है, जिनमें 12 ज्योतिर्लिंगम को ही बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। बारह ज्योर्लिंगम मंदिर में अलग-अगल अभिव्यक्ति व शक्ति रूप भगवान का नाम लेते है परन्तु प्रत्येक नाम व शक्ति भगवान शिव का ही एक आंशिक रूप है। 12 ज्योतिलिंग में भगवान शिव ने किसी ने किसी कारण से प्रकट हुए, जहां शिव प्रकाश की एक ज्वलंत स्तंभ के रूप में दिखाई देते हैं। इसलिए इन्हे ज्योतिर्लिंगम व ज्योतिलिंग कहा जाता है।

संस्कृत के एक श्लोक में ज्योतिलिंगम के बारे बताया गया हैः-

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्।।
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने।।
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये।।
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातरू पठेन्नर। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।।

इसका अर्थ है: सौराथ में सौनाथ और श्री शेलम में मल्लिकार्जुनम। उज्जैन में महाकाल, ओमकेरेश्वर में मामलेश्वर चित्रभूमि में वैद्यनाथ, (देवगढ़) झारखंड या महाराष्ट्र में परली और दकिन्या में भीमाशंकरम। सेतुबंध में रामेश्वर (रामेश्वरम), दारू-वाना में नागेशम गौतमी (गोदावरी) नदी के तट पर टोंम्बरकम में वनारसी में विश्वेशम (विश्वनाथ)। हिमालय में केदार (केदारनाथ) और शिवालया (शिवार) में घुश्मेस (घुश्मेश्वर) जो प्रत्येक ज्योतिर्लिंग को हर शाम और सुबह पढ़ता है पिछले सात जिंदगियों में किए गए सभी पापों से मुक्त हो गया है। जो ये देखता है, उनकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और उनका कर्म समाप्त हो जाता है क्योंकि महेश्वरी पूजा से संतुष्ट हो जाते हैं।

बारह ज्योतिर्लिंग के नाम ये है:





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