देवकृत लक्ष्मी स्तोत्र

क्षमस्व भगवंत्यव क्षमाशीले परात्परे |
शुद्धसत्त्वस्वरूपे च कोपादिपरिवर्जिते |1|

उपमे सर्वसाध्वीनां देवीनां देवपूजिते |
त्वया विना जगत्सर्वं मृततुल्यं च निष्फलम् |2|

सर्वसंपत्स्वरूपा त्वं सर्वेषां सर्वरूपिणी |
रासेश्वर्यधि देवी त्वं त्वत्कलाः सर्वयोषितः |3|

कैलासे पार्वती त्वं च क्षीरोदे सिन्धुकन्यका |
स्वर्गे च स्वर्गलक्ष्मीस्त्वं मर्त्यलक्ष्मीश्च भूतले |4|

वैकुंठे च महालक्ष्मीर्देवदेवी सरस्वती |
गंगा च तुलसी त्वं च सावित्री ब्रह्मालोकतः |5|

कृष्णप्राणाधिदेवी त्वं गोलोके राधिका स्वयम् |
रासे रासेश्वरी त्वं च वृंदावन वने- वने |6|

कृष्णा प्रिया त्वं भांडीरे चंद्रा चंदनकानने |
विरजा चंपकवने शतशृंगे च सुंदरी |7|

पद्मावती पद्मवने मालती मालतीवने |
कुंददंती कुंदवने सुशीला केतकीवने |8|

कदंबमाला त्वं देवी कदंबकाननेऽपि च |
राजलक्ष्मी राजगेहे गृहलक्ष्मीगृहे गृहे |9|

इत्युक्त्वा देवताः सर्वा मुनयो मनवस्तथा |
रूरूदुर्नम्रवदनाः शुष्ककंठोष्ठ तालुकाः |10|

इति लक्ष्मीस्तवं पुण्यं सर्वदेवैः कृतं शुभम् |
यः पठेत्प्रातरूत्थाय स वै सर्वै लभेद् ध्रुवम् |11|

अभार्यो लभते भार्यां विनीतां सुसुतां सतीम् |
सुशीलां सुंदरीं रम्यामतिसुप्रियवादिनीम् |12|

पुत्रपौत्रवतीं शुद्धां कुलजां कोमलां वराम् |
अपुत्रो लभते पुत्रं वैष्णवं चिरजीविनम् |13

परमैश्वर्ययुक्तं च विद्यावंतं यशस्विनम् |
भ्रष्टराज्यो लभेद्राज्यं भ्रष्टश्रीर्लभते श्रियम् |14|

हतबंधुर्लभेद्बंधुं धनभ्रष्टो धनं लभेत् |
कीर्तिहीनो लभेत्कीर्तिं प्रतिष्ठां च लभेद् ध्रुवम् |15|

सर्वमंगलदं स्तोत्रं शोकसंतापनाशनम् |
हर्षानंदकरं शश्वद्धर्म मोक्षसुहृत्प्रदम् |16|

|| इति श्रीदेवकृत लक्ष्मीस्तोत्रं संपूर्णम् ||

देवकृत लक्ष्मी स्तोत्र धन और प्रचुरता प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली पाठ है। ऐसा कहा जाता है कि प्रतिदिन पाठ करने से एक महीने के भीतर ही व्यक्ति कुबेर बन सकता है। यह शक्तिशाली स्तोत्र देवी महालक्ष्मी की महिमा करता है।

देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए कोई भी साधक प्रतिदिन 21 बार देवकृत लक्ष्मी स्तोत्र का जाप कर सकता है। दिवाली के शुभ अवसर पर, कोई भी देवी लक्ष्मी की पूजा कर सकता है और प्रचुरता के साथ तालमेल बिठाने के लिए इस स्तोत्र का 108 बार जाप कर सकता है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवकृत लक्ष्मी स्तोत्र का नियमित पाठ देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है।

सर्वोत्तम परिणामों के लिए, सुबह स्नान के बाद देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने देवकृत लक्ष्मी स्तोत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है। स्तोत्र का हिंदी में अर्थ समझने से इसकी प्रभावशीलता अधिकतम हो सकती है।

देवी से धन और समृद्धि की प्रार्थना करते समय इस स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। महालक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति को वैभव, सौभाग्य, स्वास्थ्य, धन, ज्ञान, नम्रता, जीवन शक्ति, गहराई और तेज की प्राप्ति होती है। यह महालक्ष्मी कृपा प्रार्थना सूत्र प्रचुर आशीर्वाद प्रदान करते हुए, श्री महालक्ष्मी की खूबसूरती से पूजा करता है।










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