रामस्कंदम हनुमंतम मंत्र - दिव्य आशीर्वाद और सुरक्षा का आह्वान

रामं स्कन्धं हनुमन्तं वैनतेयं वृकोदरं |
शयने यः स्मरेन्नित्यम् दुस्वप्न-स्तस्यनश्यति ‖

अर्थ: प्रतिदिन सोने से पहले भगवान राम, स्कंद, हनुमंत, गरुड़ और भीम की प्रार्थना करने से सपनों में खलल डाले बिना शांतिपूर्ण नींद सुनिश्चित होती है।

यह श्लोक एक शक्तिशाली श्लोक है जिसका पाठ बुरे सपनों और बुरे सपनों से सुरक्षा पाने के लिए किया जाता है। यह भगवान राम, भगवान कार्तिकेय (स्कंद), भगवान हनुमान, भगवान गरुड़ और भगवान वृकोदर (भीम) के आशीर्वाद का आह्वान करता है, ये सभी हिंदू धर्म में पूजनीय देवता हैं। श्लोक इस बात पर जोर देता है कि जो लोग सोने से पहले इन दिव्य प्राणियों के नामों को याद करते हैं और जपते हैं उन्हें बुरे सपनों के प्रभाव से राहत मिलती है।

संस्कृत शब्द का हिंदी में अनुवाद -

रामं: भगवान राम,
स्कंधं: भगवान स्कंद (कार्तिकेय),
हनुमंतं: भगवान हनुमान,
वैनेतेयं: भगवान गरुड़,
वृकोदरं: भगवान भीम।
शायने: सोते समय।
यः: जो कोई भी।
स्मरेत्: स्मरण या जप।
नित्यम्: नियमित या दैनिक।
दुस्वप्न-स्तस्य: बुरे सपने या दुःस्वप्न का।
नश्यति: नष्ट हो जाता है या समाप्त हो जाता है।

श्लोक से पता चलता है कि जो लोग सोने से पहले नियमित रूप से इन दिव्य प्राणियों के नामों का पाठ करते हैं, वे बुरे सपनों के कष्टकारी प्रभावों से सुरक्षित रहेंगे। यह शांतिपूर्ण और आरामदायक नींद सुनिश्चित करने के लिए इन देवताओं की सुरक्षात्मक ऊर्जा और दिव्य आशीर्वाद का आह्वान करता है।

यह श्लोक हिंदू धर्म के भीतर दैवीय सुरक्षा की शक्ति में गहरी आस्था और विश्वास को दर्शाता है। यह अक्सर सुरक्षा और आध्यात्मिक आराम की भावना चाहने वाले व्यक्तियों द्वारा पढ़ा जाता है, विशेष रूप से सोने से पहले, एक शांत और निर्बाध नींद सुनिश्चित करने के लिए।







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