चौघड़िया एक हिंदी कैलेंडर जो कि विशेष रूप से हिंदू धर्म में प्रयोग किया जाता है, ताकि शुभ समय का पता चल सके जब कोई नया कार्य शुरू करना हो या महत्त्वपूर्ण काम करना हो।
चौघड़िया विशेष तरीके से दिन को चार घड़ियालों में विभाजित करता है, प्रत्येक घड़ियाल में शुभ और अशुभ समय का अंश होता है। चौघड़िया निर्धारित समय में किसी कार्य को करने के लिए अनुसंधान करने के लिए इस्तेमाल होता है।
आपने "आज का चौघड़िया" के बारे में पूछा है, जो विशेष दिन के शुभ और अशुभ समय के बारे में जानकारी प्रदान करता है। आपके नगर में और आपके लिए विशिष्ट स्थिति में, चौघड़िया का समय अलग-अलग हो सकता है।
काल | 06:02 AM - 07:36 AM |
शुभ | 07:36 AM - 09:10 AM |
रोग | 09:10 AM - 10:44 AM |
उद्वेग | 10:44 AM - 12:18 PM |
चर | 12:18 PM - 13:52 PM |
लाभ | 13:52 PM - 15:26 PM |
अमृत | 15:26 PM - 17:00 PM |
काल | 17:00 PM - 18:35 PM |
लाभ | 18:35 PM - 07:36 PM |
उद्वेग | 20:00 PM - 21:25 PM |
शुभ | 21:25 PM - 22:50 PM |
अमृत | 22:50 PM - 00:15 AM |
चर | 00:15 AM - 01:40 AM |
रोग | 01:40 AM - 03:05 AM |
काल | 03:05 AM - 04:30 AM |
लाभ | 04:30 AM - 06:02 AM |
उद्वेग | 06:02 AM - 07:36 AM |
चर | 07:36 AM - 09:10 AM |
लाभ | 09:10 AM - 10:44 AM |
अमृत | 10:44 AM - 12:18 PM |
काल | 12:18 PM - 13:52 PM |
शुभ | 13:52 PM - 15:26 PM |
रोग | 15:26 PM - 17:00 PM |
उद्वेग | 17:00 PM - 18:34 PM |
शुभ | 18:34 PM - 07:36 PM |
अमृत | 20:00 PM - 21:26 PM |
चर | 21:26 PM - 22:52 PM |
रोग | 22:52 PM - 00:18 AM |
काल | 00:18 AM - 01:44 AM |
लाभ | 01:44 AM - 03:10 AM |
उद्वेग | 03:10 AM - 04:36 AM |
शुभ | 04:36 AM - 06:02 AM |
अपने शहर का चौघड़िया समय यहां खोज सकते हैं। आप अपने शहर का चौघड़िया समय किसी भी तीथि का खोज सकते है। यहां आप किसी भी तीथि का अमृत, शुभ, लाभ, चर, रोग, काल और उद्वेग चौघड़िया के प्रारम्भ एवं अन्त का समय जाना जा सकता है।
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चौघड़िया मुहूर्त का अपना विशेष महत्व होता है। हिन्दू सस्कृति में प्रत्येक कार्य करना के लिए शुभ मुहूर्त व शुभ समय करने के लिए कहा गया है। वह शुभ समय हम चौघड़िया मुहर्त से पता चलता है। चौघड़िया मुहर्त के अनुसार दिन के कार्य करने से लाभ की संभावना बड़ जाती है और हानि की संभावान कम हो जाती है। चौघड़िया मुहर्त दिन और रात का अलग-अलग होता है। चौघड़िया मुहर्त सूर्योदर्य और सूर्यास्त के समय पर निर्भर करता है। चौघड़िया मुहूर्त के स्वामी- उद्वेग के रवि, चर के शुक्र, लाभ के बुध, अमृत के चन्द्र, काल के शनि, शुभ के गुरु और रोग के स्वामी मंगल हैं। श्रेष्ठ समय शुभ, चर, अमृत और लाभ के चौघड़िया का होता है। उद्वेग, रोग और के चौघड़िया मुहूर्तों का यत्नपूर्वक त्याग कर देना चाहिए।