आज की तिथि, आज की हिन्दू तिथि और पंचांग, आज की तिथि क्या है, आज का दिन, आज क्या तिथि है और आज का त्यौहार व व्रत

हिन्दू धर्म में तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है। हिन्दू धर्म में तिथि, पंचाग और दिन के आधार पर ही कार्य किए जाते है। दिन की शुरूआत में सबसे पहले यह जाना जाता है कि आज की तिथि क्या है?, आज का हिन्दू पंचाग क्या है?, आज का दिन क्या है? और आज कौन सा दिन है?। आज का राहु काल समय क्या है? इन सभी प्रश्नों का उत्तर नीचे दिया गया है।

तिथि क्या है:- तिथि को तारीख या दिनांक कहते हैं। एक सूर्योदय से अपर सूर्योदय तक का समय जिसे वेदाें में अहोरात्र कहा गया है उसी को एक तिथि माना जाता है। हिन्दू पंचांक के अनुसार तिथि दिन या रात में कभी भी शुरू हो सकती है।

आज की हिन्दू तिथि और आज का पंचांग

आज की तिथि : मंगलवार, 03 अक्टूबर, 2023 और आज पंचमी है। पंचमी प्रातः 05:32 बजे तक तथा उसके बाद षष्ठी प्रारम्भ हो जायेगी।

मास आश्विन
पक्ष कृष्ण
दिन मंगलवार
आज की तिथि आज की तिथि पंचमी है।

पंचमी प्रातः 05:32 बजे तक तथा उसके बाद षष्ठी प्रारम्भ हो जायेगी।

देव नागा देवता पंचमी, भगवान सुब्रमण्य षष्टी
नक्षत्र कृत्तिका
योग वज्र
करण कौलव
आज का व्रत और त्यौहार मंगलवार व्रत और कथा
विक्रम संवत 2080
सूर्योदयसूर्योदय 06:15 AM
सूर्यास्तसूर्यास्त 06:05 PM
चंद्रोदयचंद्रोदय 08:48 PM
चंद्रास्तचंद्रास्त 10:12 AM
राहुकालराहुकाल 03:03 PM
राहुकालराहुकाल 04:31 PM
यह समय दिल्ली एनसीआर के अनुसार।

आज का अभिजीत मुहूर्त

सूर्योदय और सूर्यास्त के मध्य आने वाले 15 मुहूर्तों में से अभिजित मुहूर्त का क्रम आँठवा है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक की समयावधि को 15 समान भागों में विभाजित किया जाता है जिसका मध्य भाग अभिजित मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। अधिक जानिए


आज का होरा समय तालिका?

किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए ज्योतिषचार्य से परामर्श करना होता है। होरा तालिका द्वारा हम बिना ज्योतिषचार्य के, शुभ और अशुभ समय को जान सकते है। ज्योतिष शास्त्र ने इसके लिए शुभ और अशुभ मुहूर्त की गणना के लिये होरा चक्र का निर्माण किया है। अधिक जानिए




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कल की हिन्दू तिथि और पंचांग

बुधवार, 04 अक्टूबर, 2023

मास आश्विन
पक्ष कृष्ण
तिथि

षष्ठी प्रातः 05:41 बजे तक तथा उसके बाद सप्तमी प्रारम्भ हो जायेगी।

देव भगवान सुब्रमण्य षष्टी, भगवान सूर्य सप्तमी
नक्षत्र रोहिणी
योग सिद्धि / व्यातीपात
करण गर
व्रत और त्यौहार बुधवार व्रत और कथा | रोहिणी व्रत सूची 2023
विक्रम संवत 2080
सूर्योदयसूर्योदय 06:15 AM
सूर्यास्तसूर्यास्त 06:04 PM
चंद्रोदयचंद्रोदय 09:35 PM
चंद्रास्तचंद्रास्त 11:15 AM
राहुकालराहुकाल 12:07 PM
राहुकालराहुकाल 01:35 PM
यह समय दिल्ली एनसीआर के अनुसार।

आने वाली तिथियां

गुरुवार, 05 अक्टूबर, 2023

पूरा दिन सप्तमी है.

बृहस्पतिवार व्रत और कथा

शुक्रवार, 06 अक्टूबर, 2023

सप्तमी प्रातः 06:34 बजे तक तथा उसके बाद अष्टमी प्रारम्भ हो जायेगी।

महालक्ष्मी व्रत 2023 | जीवित्पुत्रिका व्रत 2023 | आशा भगोती व्रत 2023 | शुक्रवार व्रत और कथा

शनिवार, 07 अक्टूबर, 2023

अष्टमी प्रातः 08:08 बजे तक तथा उसके बाद नवमी प्रारम्भ हो जायेगी।

मातृ नवमी 2023 | शनिवार व्रत, पूजा और कथा

रविवार, 08 अक्टूबर, 2023

नवमी प्रातः 10:12 बजे तक तथा उसके बाद दशमी प्रारम्भ हो जायेगी।

रविवार व्रत, पूजा और कथा


वर्ष 2023 में आने वाली पूर्णिमा, एकादशी, अमावस्या और अन्य व्रत तिथियां











आगामी त्यौहार

  • महालक्ष्मी व्रत 2023
  • जीवित्पुत्रिका व्रत 2023
  • आशा भगोती व्रत 2023
  • मातृ नवमी 2023
  • इन्दिरा एकादशी 2023
  • श्राद्ध - पितृ पक्ष 2023



2023 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार









आज की तिथि से सम्बंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न का उत्तर दा डिवाईन इंडिया के आज की तिथि के पेच पर मिल सकता है जैसे आज का त्यौहार और व्रत, त्योहार, व्रत, मासिक व्रत, पंचक तिथियाँ, आज की कौन सी आरती होती है, आज चन्द्रोदय व चन्द्रास्त का समय क्या है और आज का सूर्योदय व सूर्योस्त का समय क्या है आदि। आप के ऐसे प्रश्न जैसे कि आज का पचांग क्या है?, आज का राहु काल समय क्या है?, आज कौन सी तिथि है, आज की तिथि क्या है?, अमावस्या कब की है?, एकादशी कब की है?, प्रदोष व्रत कब है?, काला अष्टमी व्रत कब है?, इस महीने की मासिक शिवरात्रि कब है?, संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है? इन सभी प्रश्नों का उत्तर इस पेज पर उपलब्ध है।


आज की क्या तिथि है हिन्दू पंचांग के अनुसार ?

विक्रम संवत 2080 के अनुसार आज आश्विन कृष्ण पक्ष है और आज की तिथि - मंगलवार, 03 अक्टूबर, 2023

पंचांग क्या होता है?

पंचांग मतलब पंच अंग जैसे तिथि, वार, योग, नक्षत्र, करण। इन्हीं से मिलकर ही शुभ योग का निर्माण होता है, जिसे हम मुहूर्त कहते हैं।

राहु काल क्या होता है?

राहुकालम को राहु की समय अवधि को कहा जाता है। यह वह समय होता है जिस राहु काल की अवधि को संदर्भित करता है। राहु काल प्रत्येक दिन में एक अशुभ समय अवधि को बताता है। राहु काल में कोई भी शुभ कार्य करना अनुकूल नहीं माना जाता है।

कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या होता है?

शुक्ल पक्ष हिन्दू कैलेंडर में बड़ते हुए चन्द्रमा को कहा जाता है। शुक्ल श्वेत या उज्ज्वल के लिए संस्कृत शब्द है। शुक्ल पक्ष 15 दिनों की अवधि है, जो अमावस्या के दिन से शुरू होती है और पूर्णिमा के दिन समाप्त होती है। इस पक्ष को शुभ माना जाता है।
कृष्ण पक्ष हिन्दू कैलेंडर में घटते हुए चन्द्रमा को कहा जाता है। कृष्ण अंधेरे के लिए संस्कृत शब्द है। कृष्ण पक्ष 15 दिनों की अवधि है

कौन-से पक्ष में शुभ कार्य करने चाहिए?

शुक्ल पक्ष में सभी शुभ कार्य करने चाहिए

तिथि क्या होती है ?

जानिए हिंदू पंचांग और हिंदू पंचाग के अनुसार तिथि हिंदू कैलेंडर का मुख्य भाग है। यह हिंदू कैलेंडर के चंद्र कैलेंडर दिनों में से एक है। तिथि के आधार पर, सभी दिन, त्यौहार, जन्मदिन, मृत्यु वर्ष, शुभ दिन, अशुभ दिन आदि निर्धारित किए जाते हैं। वेडिन ज्योतिष में परिभाषित एक महीने में कुल 30 दिन की तिथियां हैं। जिसमें अमावस्या और पूर्णिमा महीने में एक बार ही आते हैं। पहली पंद्रह तिथियां शुक्ल पक्ष में शामिल हैं, जबकि अगले पंद्रह तीथ कृष्ण पक्ष में शामिल हैं। शुक्ल पक्ष में सभी शुभ कार्य करने चाहिए। एक तिथि को पूर्ण माना जाता है जब चंद्रमा सूर्य से 12 डिग्री पर स्थित होता है। चंद्रमा की 12 डिग्री झुकाव के साथ एक तिथि समाप्त होती है। एक तिथि के पाँच भाग होते हैं जिन्हें नन्दा, भद्रा, रिक्ता, जया और पूर्णा कहते हैं।


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