मासिक कालाष्टमी व्रत 2026

महत्वपूर्ण जानकारी

  • कृष्ण पक्ष अष्टमी
  • शनिवार, 10 जनवरी 2026
  • अष्टमी तिथि प्रारम्भ: 10 जनवरी 2026 प्रातः 08:23 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 11 जनवरी 2026 सुबह 10:20 बजे

कालाष्टमी व्रत भगवान भैरव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान भैरव की पूजा और उपासना की जाती है। कालाष्टमी को काला अष्टमी भी कहा जाता है। विशेष रूप से, कालभैरव जयंती, जिसे भैरव अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, कालाष्टमी का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी दिन भैरव के रूप में अवतार लिया था।

कालाष्टमी व्रत की तिथि और नियम

कालाष्टमी व्रत का पालन मुख्य रूप से उस दिन किया जाता है जब अष्टमी तिथि रात्रि के समय होती है। यह व्रत सप्तमी तिथि पर भी मनाया जा सकता है यदि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अष्टमी तिथि रात्रि में समाप्त हो। व्रत के दिन भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और भगवान भैरव की पूजा रात्रि के समय करते हैं।

कालाष्टमी व्रत की पूजा विधि

  1. स्नान और शुद्धता

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर को शुद्ध करें।
    • भगवान भैरव की पूजा का संकल्प लें।
  2. भगवान भैरव की पूजा

    • भगवान भैरव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
    • उन्हें काले तिल, सरसों का तेल, फूल, और नारियल अर्पित करें।
    • भैरव के वाहन श्वान (कुत्ते) को भोजन कराएं, इसे शुभ माना जाता है।
  3. भजन और पाठ

    • कालभैरव अष्टक, शिव चालीसा, या भैरव स्तोत्र का पाठ करें।
    • भगवान भैरव के भजनों का गायन करें।
  4. उपवास और ध्यान

    • दिनभर उपवास रखें और तामसिक भोजन से बचें।
    • रात्रि में भगवान भैरव का ध्यान और पूजा करें।
  5. व्रत का समापन

    • अगले दिन सुबह अन्न ग्रहण कर व्रत का समापन करें।

कालाष्टमी व्रत के लाभ

  1. भगवान भैरव की कृपा से जीवन के कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।
  2. शत्रुओं से रक्षा होती है और भय का नाश होता है।
  3. आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है।
  4. पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि होती है।
  5. जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और ईश्वर के प्रति भक्ति बढ़ती है।

प्रदोष व्रत तिथि समय 2026

कालाष्टमी व्रत भगवान भैरव के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। यह व्रत प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान भैरव के भक्त पूरे दिन उपवास रखते है और वर्ष में सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा करते हैं।

जनवरी 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शनिवार, 10 जनवरी 2026
10 जनवरी 2026 प्रातः 08:23 बजे - 11 जनवरी 2026 प्रातः 10:20 बजे

फरवरी 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
सोमवार, 9 फरवरी 2026
9 फरवरी 2026 प्रातः 05:01 बजे – 10 फरवरी 2026 प्रातः 07:27 बजे

मार्च 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
बुधवार, 11 मार्च 2026
11 मार्च 2026 प्रातः 01:54 बजे – 12 मार्च 2026 प्रातः 04:19 बजे

अप्रैल 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2026
9 अप्रैल 2026 रात्रि 09:19 बजे - 10 अप्रैल 2026 रात्रि 11:15 बजे

मई 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शनिवार, 9 मई 2026
9 मई 2026 दोपहर 02:02 बजे - 10 मई 2026 दोपहर 03:06 बजे

जून 2026 में अष्टमी तिथि 

कृष्ण पक्ष अष्टमी (अधिक कालाष्टमी)
सोमवार, 8 जून 2026
8 जून 2026 प्रातः 03:24 बजे - 9 जून 2026 प्रातः 03:23 बजे

जुलाई 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
मंगलवार, 7 जुलाई 2026
7 जुलाई 2026 दोपहर 01:24 बजे - 8 जुलाई 2026 दोपहर 12:21 बजे

अगस्त 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
बुधवार, 5 अगस्त 2026
5 अगस्त 2026 शाम 08:42 बजे - 6 अगस्त 2026 शाम 06:52 बजे

सितंबर 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 4 सितंबर 2026
4 सितंबर 2026 प्रातः 02:25 बजे – 5 सितंबर 2026 प्रातः 12:13 बजे

अक्टूबर 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शनिवार, 3 अक्टूबर 2026
3 अक्टूबर 2026 प्रातः 07:59 बजे – 4 अक्टूबर 2026 प्रातः 05:51 बजे

नवंबर 2026 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
रविवार, 1 नवंबर 2026
1 नवंबर 2026 दोपहर 02:51 बजे - 2 नवंबर 2026 दोपहर 01:10 बजे

दिसंबर 2026 में अष्टमी तिथि 

कृष्ण पक्ष अष्टमी (कालभैरव जयंती)
मंगलवार, 1 दिसंबर 2026
1 दिसंबर 2026 पूर्वाह्न 12:11 बजे - 1 दिसंबर 2026 पूर्वाह्न 11:13 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी
बुधवार, 30 दिसंबर 2026
30 दिसंबर 2026 दोपहर 12:36 बजे - 31 दिसंबर 2026 दोपहर 12:32 बजे




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