श्री भैरव जी की आरती

महत्वपूर्ण जानकारी

  • भगवान शिव के अवतारों में भैरव जी का विशेष स्थान है। भैरव साधना अकाल मृत्यु को रोकती है और भूत-प्रेत हमें काले जादू से बचाते हैं।
  • समय: श्री भैरव आरती सुबह 5:15 बजे (सुबह) और शाम 7:15 बजे (शाम)

जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा |
जय काली और गौरा कृतसेवा ||

तुम पापी उद्धारक दुख सिन्धु तारक |
भक्तों के सुखकारक भीषण वपु धारक ||
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा |

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी |
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ||
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा |

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे |
चतुर्वतिका दीपक दर्शन दुःख खोवे ||
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा |

तेल चटकी दधि मिश्रित माषवली तेरी |
कृपा कीजिये भैरव करिये नहीं देरी ||
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा |

पाँवों घुंघरू बाजत डमरू डमकावत |
बटुकनाथ बन बालक जन मन हरषवत ||
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा |

बटुकनाथ की आरती जो कोई जन गावे |
कहे ' धरणीधर ' वह नर मन वांछित फल पावे ||
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा |









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