ॐ सर्वेशां स्वस्तिर्भवतु - श्लोक

संस्कृत मंत्र को अक्सर शांति, कल्याण और शुभता के आह्वान के रूप में पढ़ा जाता है। यहाँ हिंदी में अनुवाद है:

ॐ सर्वेशां स्वस्तिर्भवतु ।
सर्वेशां शान्तिर्भवतु ।
सर्वेशां पुर्णंभवतु ।
सर्वेशां मङ्गलंभवतु ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

अर्थ:
सबका कल्याण हो,
सबमें शांति हो,
सबमें तृप्ति हो,
सबमें मंगल हो,
ओम शांति, शांति, शांति।

इस मंत्र का जप या पाठ अक्सर सभी में सकारात्मक ऊर्जा, सद्भाव और आशीर्वाद फैलाने के इरादे से किया जाता है। शुरुआत में दोहराया गया "ओम" और अंत में "शांति, शांति, शांति" आंतरिक और बाहरी शांति की इच्छा पर जोर देता है।



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