हिंदू धर्म में स्वास्तिक चिन्ह का महत्व

स्वास्तिक हिन्दू धर्म में शुभता का प्रतीक माना जाता है। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य करने के लिए स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है। स्वास्तिक चिन्ह को हिन्दू धर्म को मानने वाले अपने घरों के बाहर और मन्दिरों में देखा जा सकता है।

स्वास्तिक सामान्य शुभता का प्रतीक माना जाता है। स्वास्तिक आत्मा की शुद्धता, सत्य, और स्थिरता, वैकल्पिक रूप से सूर्य का प्रतिनिधित्व कर सकता है। स्वास्तिक चिन्ह का उपयोग प्राचीन काल से किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्वास्तिक का चिन्ह भगवान गणेश का प्रतीक है।

स्वास्तिक चिन्ह का वर्णन

स्वास्तिक के मध्य में ब्रह्म, मध्य के निकलतें हुई चार भुजायें को धर्म, मोक्ष, अर्थ और काम कहा जाता है। भुजायें के मुडने के बाद की सीधी रेखा को सारुप्य, सालोक्य, सामीप्य और सायुज्य कहा जाता है। स्वास्तिक की चिन्ह की भुजायें के सीरे को अहंकार, मन, चित्त और बुद्धि कहा जाता हैं। स्वास्तिक के भुजायें के खाली स्थान को समर्पण, प्रेम या आस्था, विश्वास और श्रद्धा कहा जाता है।

  • पुरुषाथों के निम्न चार प्रकार - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।
  • मुक्ति के चार प्रकार - सारुप्य, सालोक्य, सामीप्य और सायुज्य।
  • अंतः करण निम्न चार प्रकार - अहंकार, मन, चित्त और बुद्धि।
  • भक्ति निम्न चार प्रकार - समर्पण, प्रेम, विश्वास और श्रद्धा।

स्वास्तिक चिन्ह का वर्णन हिन्दू धर्म में कई प्रकार से किया गया है। जैसे स्वास्तिक की चार भुजायें - चार दिशाओं, चार वेदों और उनके सामंजस्यपूर्ण संपूर्ण का वर्णन करता हैं।

स्वास्तिक चिन्ह का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में स्वास्तिक चिन्ह को गणपति का प्रतीक माना जाता है। भगवान गणेश जो सभी विघ्नों को दूर करके, सुख-समृद्धि का वरदान देते हैं। हिन्दू धर्म में किसी भी कार्य को निर्विघ्न रूप से पूर्ण करने और उसमें सफलता पाने के लिए स्वास्तिक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। हिंदू धर्म के अलावा जैन और बौद्ध धर्म में भी स्वास्तिक का विशेष महत्व है। इन दोनों धर्मों में भी मंगल की कामना लिए स्वास्तिक चिन्ह का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है।

स्वास्तिक के सरल और प्रभावी उपाय

  • ऐसा माना जाता है कि किसी घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर या फिर रोली से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से उस घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं होता है और घर में रहने वाले परिवार पर हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  • कॅरिअर या कारोबार में सफलता पाने के लिए भी स्वास्तिक चिन्ह का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। मान्यता है कि यदि आप किसी कार्य विशेष में सफलता पाना चाहते हैं तो आप अपने घर के उत्तर दिशा में हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बना दें और प्रतिदिन वहां पर धूप-दीप दिखाते रहें।
  • कारोबार में लाभ पाने के लिए आप उत्तर-पूर्व दिशा में लगातार सात बृहस्पतिवार तक सूखी हल्दी से निशान बनाएं। मान्यता है कि इस उपाय से चमत्कारिक रूप से व्यवसाय में हो रहा घाटा दूर होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।






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