हाथ मिलाना उचित है या अनुचित। वैज्ञानिक कारण स्पष्ट करें?

पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण करने से यहां हाथ मिलाने का प्रचलन हुआ। यह उचित नहीं है क्योंकि हाथों में अनेक प्रकार की संक्रामक बीमारियों के वायरस चिपके रहते हैं जो हाथ मिलाने से आदान-प्रदान हो जाते हैं। इस तरह विज्ञान के अनुसार हाथ मिलाना उचित नहीं है।

ज्यादातर लोग आज के समय में दफ्तर या पार्टी में जब लोग मिलते है तो एक दूसरे से हाथ मिलाकर एक दूसरे का स्वागत करते है। एक व्यक्ति कितने लोगों से हाथ मिला चुका इसका ज्ञान नहीं होता है। अगर एक व्यक्ति को कोई एक बीमारी है जो बीमार व्यक्ति के सम्र्पक मे अपने से दूसरे को हो जाएगी तो जो एक से दूसरे व्यक्ति वह बीमारी हो सकती है। तो यह बीमारी आग की तरह पुरे देश में फैल सकती है।

भारतीय मान्यता के अनुसार

भारतीय मान्यता के अनुसार हाथ मिलाने से अपने शरीर की संचित शक्ति दूसरे में प्रवेश कर जाती है। इस तरह शरीर में क्षीणता कमजोरी आती है। प्राचीन काल से ही गुरुजन अपने शिष्यों के सिर पर हाथ रखकर शक्तिपात करते थें अर्थात् बिना बताये उसे शक्ति प्रदान करते थे।

अगर हम प्राचीन लोक कथाओं को पढ़े तो हम पायेगें कि जब कोई व्यक्ति हमने घर से कई बाहर काम से जाता था, जैसे युद्ध करने या यह अच्छा काम करने इत्यादि, तो वह घर के ़बढ़े बुर्जुगों से पैर छुकर आर्शीवाद लेता था। घर के बढ़े बुर्जुग सर पर हाथ रखकर आर्शीवाद देते थे, ताकि उस व्यक्ति का काम सिद्ध हो सके। इस आर्शीवाद से व्यक्ति के अन्दर एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रदान होतो था। जिससे उस कार्य को करने की क्षमता बढ़ जाती थी।



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