
चैत्र नवरात्रि हिन्दूओं का प्रसिद्ध त्योहार है। इस त्योहार को नौ दिनों तक मनाया जाता है। यह त्योहार मा दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित एक त्योहार है। प्रत्येक दिन माता के एक रूप की पूजा की जाती है। इसलिए इस त्योहार में नौ देवीं की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के इस त्योहार में दो ऋतुओं का मिलन होता है। नवरात्रि एक साल दो बार मनाया जाता है। इस त्योहार को चैत्र नवरात्रि और अश्विन नवरात्रि कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि मार्च या अप्रैल के महीनें के दौरान आता है। चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है।
रामनवमी, भगवान राम का जन्मदिन आमतौर पर नवरात्रि उत्सव के दौरान नौवें दिन होता है। इसलिए चैत्र नवरात्रि को राम नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है।
शारदीय नवरात्रि के दौरान आने वाले अधिकांश रीति-रिवाजों और रस्मों का पालन चैत्र नवरात्रि के दौरान किया जाता है। शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के लिए घटस्थापना पूजा विधान समान है।
चैत्र नवरात्रि उत्तर भारत में अधिक लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत गुड़ी पड़वा से होती है और आंध्र प्रदेश में इसकी शुरुआत उगादी से होती है।
विवादे विषादे प्रमादे प्रवासे जले चानले पर्वते शत्रुमध्ये।
अरण्ये शरण्ये सदा मां प्रपाहि गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
अर्थ: विवाद, विषाद, प्रमद, या प्रवास में, जल, अग्नि, या पर्वत में, श्रुतों के बीच, और जंगल में, मेरी रक्षा करो, आप ही शरण्य हो। तुम ही रास्ता बनो, एकमात्र तुम ही रास्ता बनो, माँ भवानी।