हिंदू के तीन प्रसिद्ध ग्रंथों का अर्थ एक शब्द में

हिन्दू धर्म एक पवित्र धर्म है। इसका आधार पवित्र धर्मग्रंथ है, जिनकी संख्या बहत अधिक है परन्तु तीन ग्रंथ बहुत ही प्रसिद्ध है। जिनका अपना अपना महत्व है। ये तीन ग्रंथ है रामायण, महाभारत और भगवद् गीता है। ये तीनों ग्रंथ हिन्दू धर्म में कई तरीके कि शिक्षा देते है। जिनका हम अपने जीवन में प्रयोग कर करते है ताकि हम अपना जीवन को व्यतित कर सकें। यह हम तीनों ग्रंथो को विस्तार से नहीं बता सकते है। एक व्यक्ति को जीवन में रामायण से शिक्षा मिलती है कि जीवन में क्या करना चाहिए, महाभारत से व्यक्ति को जीवन में क्या नहीं करना चाहिए और गीता से व्यक्ति को यह शिक्षा मिलती कि व्यक्ति को जीवन कैसे जीना चाहिए।

रामायण में व्यक्ति को उसके कर्म के बारे में शिक्षा मिलती है ताकि एक व्यक्ति को श्री राम द्वारा किया गये नैतिक कार्य को जाने । यह एक शब्द में कहा जाये तो रामायण से नैतिकता की शिक्षा मिलती है कि हमें कैसे कर्म करने चाहिए।

महाभारत में व्यक्ति को नैतिकता को छोडे़ का क्या परिणाम मिलता इसकी शिक्षा मिलती है। किसी भी व्यक्ति को अनैतिक कार्य नहीं करने चाहिए। यह एक शब्द में कहा जाये तो महाभारत से अनैतिकता नहीं करने की शिक्षा मिलती है और शब्दों को सोच समझकर बोलना चाहिए क्योंकि अनैतिक शब्द बोलना भी नैतिकता का हाथ छोड़ने के बराबर होता है।

भगवद् गीता में व्यक्ति को अपने आप को जानें की शिक्षा मिलती अर्थात् कि मैं कौन हुँ। मेरा और ईश्वर का संबंध है। यह एक शब्द में कहा जाये तो गीता से स्वयं को जानने कि शिक्षा मिलती है।



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