ओंकारम् बिन्दु संयुक्तम् - भगवान शिव मंत्र

ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः ।
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ॥

अर्थ: कामनाओं और मोक्ष के दाता ॐकार को नमस्कार। हम आपका आह्वान करते हैं, सेनाओं के स्वामी, कवियों के कवि, सभी में सबसे प्रसिद्ध; आध्यात्मिक ज्ञान के सर्वोच्च राजा, हे आध्यात्मिक ज्ञान के स्वामी, अपनी कृपा से हमारी बात सुनें और (यज्ञ के स्थान) में निवास करें।

श्लोक को इस प्रकार समझा जा सकता है:

"ओंकारम्" ओम मंत्र की ध्वनि को संदर्भित करता है, जो परम वास्तविकता और सभी अस्तित्व के सार का प्रतिनिधित्व करता है।
"बिदुसंयुक्तं" का अर्थ है कि ओम को बिंदु (बिंदु) के साथ जोड़ा गया है जो सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना के मिलन का प्रतीक है।
"नित्यं ध्यानति योगिनः" सुझाव देता है कि योगी नियमित रूप से इस शाश्वत ध्वनि पर ध्यान करते हैं।
"कामदाम" का अर्थ है कि ओम इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करता है।
"मोक्षदं चैव" इंगित करता है कि ओम मुक्ति और आध्यात्मिक स्वतंत्रता भी प्रदान करता है।
"ओंकाराय नमो नमः" एक आह्वान है, जो ओम की दिव्य शक्ति को प्रणाम करता है।

संक्षेप में, यह श्लोक ओम मंत्र के महत्व की प्रशंसा करता है, योगिक ध्यान में इसकी भूमिका, सांसारिक इच्छाओं और आध्यात्मिक मुक्ति प्रदान करने की इसकी क्षमता और एक पवित्र और शक्तिशाली प्रतीक के रूप में इसकी श्रद्धा पर प्रकाश डालता है।







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