ॐ नमः शिवाय॥
मन्त्र का अनुवाद
हे शिव! आपको बार-बार प्रणाम है। आपकी जय हो।
ॐ – ब्रह्मांड का मूल स्वर, सर्वोच्च ऊर्जा
नमः – नमन, समर्पण
शिवाय – शिव को, जो कल्याणकारी हैं
यह मात्र पाँच अक्षरों का मंत्र नहीं, बल्कि चेतना की उस ऊँचाई का द्वार है जहाँ आत्मा स्वयं को शिव से एकाकार अनुभव करती है।
यह पंचाक्षरी मंत्र, भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का अमूल्य रत्न है। इसका उच्चारण न केवल मन को शांति देता है, बल्कि आत्मा को भी पवित्र करता है। यह मंत्र शिवभक्तों के ह्रदय की धड़कन है और साधकों की साधना की आत्मा।
शिव कोई बाहरी सत्ता नहीं, बल्कि हमारे भीतर की गहराई में स्थित वह मौन है जहाँ विचार समाप्त होते हैं और शांति प्रारंभ होती है। जब हम "ॐ नमः शिवाय" का जाप करते हैं, तो यह केवल शब्द नहीं होता, यह आत्मा का अपने ही स्रोत से संवाद होता है।
रोज़ 108 बार जाप करने से चमत्कारी लाभ मिलते हैं।
जपिए, अनुभव कीजिए, और शिवमय हो जाइए।
हर-हर महादेव!