विजया एकादशी 2024

विजया एकादशी 2024

महत्वपूर्ण जानकारी

  • विजया एकादशी 2024
  • बुधवार, 06 मार्च 2024
  • एकादशी तिथि प्रारंभ : 06 मार्च 2024 को प्रातः 06:30 बजे।
  • एकादशी तिथि समाप्त : 07 मार्च 2024 को प्रातः 04:13 बजे।
  • नोट: स्मार्त एकादशी 06 मार्च और भागवत एकादशी 07 मार्च को मनानी चाहिए।

विजया एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन होता है। विजया एकादशी हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। वर्ष में लगभग 24 से 26 एकादशी होती है और प्रत्येक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है, इस प्रकार विजया एकादशी का भी है। विजया एकादशी के नाम से ज्ञात होता है कि यह व्रत विजय प्रादन करने वाला व्रत है। इस व्रत का वर्णन पद्म पुराण और स्कन्द पुराण किया गया है।

इस व्रत को करने वाल अपने शत्रुओं पर विजया पा सकता है। विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। विजया एकादशी के महत्व के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था।

पूजा

विजया एकादशी के दिन पूरे समर्पण के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। व्रत करने वाल व्यक्ति को सूर्योदय के समय उठना चाहिए और स्नान करना चाहिए। भगवान विष्णु की एक छोटी मूर्ति पूजा स्थल पर रखी जाती है और भक्त भगवान को चंदन का लेप, तिल, फल, दीपक और धूप चढ़ाते हैं। इस दिन ’विष्णु सहस्त्रनाम’ और ’नारायण स्तोत्र’ का पाठ करना शुभ माना जाता है।

द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवा कर उन्हें विदा करें फिर भोजन करें।

पूजा का फल

विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजया पाता है। प्राचीन काल में कई राजे महाराजे इस व्रत के प्रभाव से अपनी निश्चित हार को जीत में बदल चके हैं।

विजया एकादशी कथा

अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से एकादशी का महात्मय सुन कर आनन्द विभोर हो रहे हैं। जया एकादशी के महात्मय को जानने के बाद अर्जुन कहते हैं माधव फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या महात्मय है आपसे मैं जानना चाहता हूं अत: कृपा करके इसके विषय में जो कथा है वह सुनाएं।

अर्जुन द्वारा अनुनय पूर्वक प्रश्न किये जाने पर श्री कृष्णचंद जी कहते हैं प्रिय अर्जुन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस एकादशी का व्रत करने वाला सदा विजयी रहता है। हे अर्जुन तुम मेरे प्रिय सखा हो अत: मैं इस व्रत की कथा तुमसे कह रहा हूं, आज तक इस व्रत की कथा मैंने किसी को नहीं सुनाई। तुमसे पूर्व केवल देवर्षि नारद ही इस कथा को ब्रह्मा जी से सुन पाए हैं। तुम मेरे प्रिय हो इसलिए तुम मुझसे यह कथा सुनो। आगे पढ़ें...

 



मंत्र







2023 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं