![मंगला गौरी व्रत 2024 मंगला गौरी व्रत 2024](/img/mangla-gauri-vrat-n.jpg)
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सहस्रकिरणोज्ज्वल। लोकदीप नमस्तेऽस्तु नमस्ते कोणवल्लभ।।
भास्कराय नमो नित्यं खखोल्काय नमो नमः।
विष्णवे कालचक्राय सोमायामिततेजसे।।
भावार्थः
हे देवदेवेश! आप सहस्र किरणों से प्रकाशमान हैं।
हे कोणवल्लभ! आप संसार के लिए दीपक हैं, आपको हमारा नमस्कार है। विष्णु, कालचक्र, अमित तेजस्वी, सोम आदि नामों से सुशोभित एवं अंतरिक्ष में स्थित होकर सम्पूर्ण विश्व को प्रकाशित करने वाले आप भगवानको हमारा नमस्कार है।