या देवी सर्वभूतेषु - तन्त्रोक्तं देवी सूक्तम्

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में विष्णुमाया के नाम से कही जाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में निद्रा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में भूख के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषुच्छायारुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में छाया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में शक्ति रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में इच्छा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषू क्षान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में क्षमा (क्षान्ति) के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषू जातिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में जाति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में लज्जा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में शांति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में श्रद्धा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में कांति (तेज, दिव्यज्योति, उर्जा रूप) के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में लक्ष्मी के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में वृत्ति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में स्मृति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में दया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में तुष्टि के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में माता के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ:  जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में भ्रान्ति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

"या देवी सर्व भूतेषु" एक लोकप्रिय हिंदू प्रार्थना का प्रारंभिक श्लोक है जिसे "देवी सूक्तम" या "या देवी सर्व भूतेषु स्तुति" के नाम से जाना जाता है। यह प्रार्थना देवी, दिव्य माँ या देवी को समर्पित है, और उनका आशीर्वाद, सुरक्षा और मार्गदर्शन पाने के लिए इसका पाठ किया जाता है। इस श्लोक का अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है:

"या देवी सर्व भूतेषु" का अर्थ है "वह देवी जो सभी प्राणियों में निवास करती है।"
"शक्ति रूपेण संस्थिता" का अर्थ है "दिव्य ऊर्जा के रूप में।"

संपूर्ण "देवी सूक्तम" में कई छंद शामिल हैं जो देवी के विभिन्न रूपों और गुणों की स्तुति करते हैं। इसे अक्सर देवी मां को समर्पित त्योहारों और अनुष्ठानों के दौरान सुनाया जाता है, खासकर नवरात्रि के दौरान, जो देवी दुर्गा का जश्न मनाने वाला नौ रात का त्योहार है।







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