कालिका माता मंदिर पावागढ़

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Location: Pavagadh, Gujarat 389360.
  • Timgins Open and Close: 05:00 am to 07:00 pm.
  • Aarti Timings: 05:00 am and 06:30 pm.
  • Nearest Railway Station: Vadodara Railway station at a distance of nearly 45 kilometres aprox. from Kalika Mata Temple.
  • Nearest Airport: Vadodara Airport at a distance of nearly 45 kilometres aprox. from Kalika Mata Temple.

कालिका माता मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य गुजरात, पंचमहल जिले के पावागढ़ पहाड़ी के शिखर पर स्थित है। कालिका माता मंदिर एक हिन्दू देवी मंदिर और तीर्थस्थल है। यह मंदिर लगभग 10वी या 11वीं शताब्दी के दौरान इस स्थान पर स्थिापित है। यह मंदिर इस क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर है। यह मंदिर का नाम माता के शक्तिपीठों में आता है या ऐसा कहा जाता सकता है कि यह मंदिर एक शक्तिपीठ हैं। मंदिर में तीन मूर्तियाँ स्थिापित है। दाईं ओर काली माता और बाईं ओर बाहुचरमाता की है और केंन्द्रीय में कालिका माता की मूर्ति स्थिापित है। मंदिर एक पहाड़ी पर स्थिति, इसलिए मंदिर तक सीढ़ियों द्वारा जाया जाता है. रोपवे का निर्माण भी किया गया है जिसके कारण मंदिर तक पहुँचना आसान हो गया है।

नवरात्रि उत्सव के दौरान मंदिर में मेलें का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों भक्तों द्वारा भाग लिया जाता है। गुजरात के मेलों और समारोहों के आयोजक श्री आरके त्रिवेदी के अनुसार देवी कालिका माता की पूजा की शुरुआत स्थानीय लेवा पाटीदार और राजा सरदार सदाशिव पटेल द्वारा की गई थी। मंदिर में माता को दुर्गो या चंडी के रूप में पूजा जाता है।

पौराणिक कथा के अुनसार एक बार नवरात्रि के त्योहार के दौरान मंदिर में गरबा नामक एक पांरपरिक नृत्य का आयोजन किया था। इस मेले में सैकड़ों भक्तों ने नृत्य किया। इस तरह भक्तों का नृत्य करता देख देवी महाकाली स्वयं स्थानीय महिलाओं के रूप में नृत्य करने लगी। इस बीच, उस राज्य का राजा पात जयसिंह जो कि भक्तों के साथ नृत्य कर रहा था। देवी को नृत्य करता देख उनकी सुन्दरता पर मुग्ध हो गया। अपनी वासना के कारण राजा ने देवी का हाथ पकड़ कर अनुचित प्रस्ताव रखा। देवी ने उसे अपना हाथ छोड़ने और माफी मांगने के लिए तीन बार चेतावनी दी, लेकिन राजा अपनी वासना के कारण कुछ समझने को तैयार नहीं था। इस प्रकार देवी ने शाप दिया कि उसका साम्राज्य गिर जाएगा। जल्द ही एक मुस्लिम आक्रमणकारी महमूद बेगड़ा ने राज्य पर आक्रमण किया। राजा जयसिंह लड़ाई हार गए और महमूद बेगड़ा द्वारा मार डाला गया।




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