प्रेतराज सरकार की आरती - 2

आरती प्रेतराज की कीजै दीन दुखिन के तुम रखवाले |

संकट जग के काटन हारे बालाजी के सेवक जोधा,
मन से नमन इन्हें कर लीजिए |

जिनके चरण कभी ना हारे, राम काज लगि जो अवतारे |
उनकी सेवा में चित्त देते, अर्जी सेवक की सुन लीजै ||

बाबा के तुम आज्ञाकारी, हाथी पर करे सवारी |
भूत जिन्न सब धर-थर कापे, अर्जी बाबा से कह दीजै ||

जिन्न आदि सब डर के मारे, नाक रगड़ तेरे पड़े दुआरे |
मेरे संकट तुरतहि काटो, यह विनय चित्त में धरि डीजे ||

वेश राजसी शोभा पाता, ढाल कृपाल धनुष अति भाता |
मैं आया कर शरण आपकी, नैया पार लगा मेरी दीजै ||









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