अमरनाथ की यात्रा हिन्दू को प्रमुख धार्मिक यात्रा है। अमरनाथ की यात्रा भगवान शिव के प्रकृतिक रूप से बने शिव लिंग के दर्शन करने के लिए की जाती है। यह यात्रा अत्यन्त कठिन है। अमर नाथ यात्रा पर जाने के भी दो रास्ते हैं। एक पहलगाम होकर और दूसरा सोनमर्ग बलटाल से इन दोनों मार्गो से आगे की यात्रा पैदल होती है। पहलगाम से जानेवाले रास्ते को सरल और सुविधाजनक समझा जाता है। बलटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी केवल 14 किलोमीटर है और यह बहुत ही दुर्गम रास्ता है और सुरक्षा की दृष्टि से भी संदिग्ध है। इस मार्ग से जाने वाले लोग अपने जोखिम पर यात्रा करते है। रास्ते में किसी अनहोनी के लिए भारत सरकार जिम्मेदारी नहीं लेती है।
पहलगाम जम्मू से 315 किलोमीटर की दूरी पर है तथा यहीं से तीर्थयात्रियों की पैदल यात्रा यहीं से आरंभ होती है। पहलगाम के बाद पहला पड़ाव चंदनबाड़ी है, जो पहलगाम से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। पहली रात तीर्थयात्री यहीं बिताते हैं। इसके ठीक दूसरे दिन पिस्सु घाटी की चढ़ाई शुरू होती है। लिद्दर नदी के किनारे-किनारे पहले चरण की यह यात्रा ज्यादा कठिन नहीं है।
चंदनबाड़ी से 14 किलोमीटर दूर शेषनाग में अगला पड़ाव है। यह मार्ग खड़ी चढ़ाई वाला और खतरनाक है। यहीं पर पिस्सू घाटी के दर्शन होते हैं। अमरनाथ यात्रा में पिस्सू घाटी काफी जोखिम भरा स्थल है। यहाँ पर्वतमालाओं के बीच नीले पानी की खूबसूरत झील है। तीर्थयात्री यहाँ रात्रि विश्राम करते हैं और यहीं से तीसरे दिन की यात्रा शुरू करते हैं।
शेषनाग से पंचतरणी 8 मील के फासले पर है। मार्ग में बैववैल टॉप और महागुणास दर्रे को पार करना पड़ता हैं। महागुणास चोटी से पंचतरणी तक का सारा रास्ता उतराई का है। यहाँ पांच छोटी-छोटी सरिताएँ बहने के कारण ही इस स्थल का नाम पंचतरणी पड़ा है। यह स्थान चारों तरफ से पहाड़ों की ऊंची-ऊंची चोटियों से ढका है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से तीर्थयात्रियों को यहाँ सुरक्षा के इंतजाम करने पड़ते हैं।
अमरनाथ की गुफा यहाँ से केवल 8 किलोमीटर दूर रह जाती हैं और रास्ते में बर्फ ही बर्फ जमी रहती है। यह रास्ता काफी कठिन है, लेकिन अमरनाथ की पवित्र गुफा में पहुँचते ही सफर की सारी थकान पल भर में छू-मंतर हो जाती है और अद्भुत आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है।
1. 28 जून 2023 तक डॉक्टर द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट।
2. चार पासपोर्ट साइज फोटो।
3. आधार कार्ड या सरकार द्वारा जारी कोई पहचान पत्र।
अमरनाथ यात्रा के लिए कुछ आयु प्रतिबंध भी हैं। अमरनाथ यात्रा में 13 वर्ष से कम या 75 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति भाग नहीं ले सकता है। 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं के लिए अमरनाथ यात्रा पर प्रतिबंध है।
इस यात्रा क दौरान अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े, जरूरी दवाईयां और हल्का स्नैक्स रखें। टाॅर्च, माचिस, पावर बैंक, पाॅलीथिन बैग आदि रखें और यात्रा के लिए मिले निर्देशों का पालन जरूर करें।
श्री अमरनाथ जी यात्रा 25 जून 2025 को शुरू होगी और 09 अगस्त 2025 को समाप्त होगी। इस वर्ष श्री अमरनाथ जी यात्रा 45 दिनों की है। (*तारीख अलग हो सकती है)
पहलगाम से अमरनाथ गुफा की दूरी लगभग 36 से 48 किमी है और लगभग 3 से 5 दिनों (एक तरफ) में पूरी होती है। अधिकांश तीर्थयात्री इस मार्ग को पसंद करते हैं क्योंकि यह न केवल बालटाल की तुलना में थोड़ा आसान है बल्कि सुंदर भी है। इसलिए, यदि आपके साथ वरिष्ठ भक्त हैं, तो यह बेहतर मार्ग है।
अमरनाथ यात्रा के लिए कुछ आयु प्रतिबंध भी हैं। अमरनाथ यात्रा में 13 वर्ष से कम या 75 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति भाग नहीं ले सकता है। 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं के लिए अमरनाथ यात्रा पर प्रतिबंध है।