चौघड़िया मुहूत्तों का अपना विशेष महत्व होता है। प्रत्येक वार में प्रतिदिन अलग-अलग नाम के चौघड़िया मुहूर्त वर्तमान रहते है। दिनमान को आठ से भाग करने पर लब्ध एक चौघड़िया मुहूर्त का मान होता है। प्रत्येक चौघड़िया मुहूर्त का समय पौने चार घड़ी लगभग 1 घंटा 30 मिनट के बराबर होता है। जिसे सूर्योदय के समय में जोड़ने पर दिन के पहले चौघड़िया मुहूर्त के प्रारम्भ होने का समय होता है। इसी प्रकार रात्रि के चौघड़िया मुहूर्त का समय ज्ञात कर सकते हैं। इनमें दिनमान और रात्रिमान के अनुसार किंचित घटा-बढ़ी हो सकती है। तालिका चक्र को देखने से आप आसानी से समझ सकते है कि किस दिन कौन-सा चौघड़िया मुहूर्त (दिन अथवा रात के समय) कितने बजे से कितने बचे तक चालू रहेगा।
चौघड़िया मुहूर्त के स्वामी- उद्वेग के रवि, चर के शुक्र, लाभ के बुध, अमृत के चन्द्र, काल के शनि, शुभ के गुरु और रोग के स्वामी भौम हैं। श्रेष्ठ समय शुभ, चर, अमृत और लाभ के चौघड़िया का होता है। उद्वेग, रोग और के चौघड़िया मुहूर्तों का यत्नपूर्वक त्याग कर देना चाहिए।
चौघड़िया मुहूर्त की गणना सूर्योदय के समय पर निर्भर करता है। अगर सूर्योदय का समय सुबह 6:00 बजे है तो चौघड़िया मुहूर्त समय तालिका इस प्रकार होगी
समय | वार | रवि | सोम | मंगल | बुध | गुरु | शुक्र | शनि |
6:00-7:30 | पहला | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ | शुभ | चर | काल |
7:30-9:00 | दूसरा | चर | काल | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ | शुभ |
9:00-10:30 | तीसरा | लाभ | शुभ | चर | काल | उद्वेग | अमृत | रोग |
10:30-12:00 | चौथा | अमृत | रोग | लाभ | शुभ | चर | काल | उद्वेग |
12:00-1:30 | पाँचवां | काल | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ | शुभ | चर |
1:30-3:00 | छटा | शुभ | चर | काल | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ |
3:00-4:30 | सातवां | रोग | लाभ | शुभ | चर | काल | उद्वेग | अमृत |
4:30-6:00 | आठवां | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ | शुभ | चर | काल |
समय | वार | रवि | सोम | मंगल | बुध | गुरु | शुक्र | शनि |
6:00-7:30 | पहला | शुभ | चर | काल | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ |
7:30-9:00 | दूसरा | अमृत | रोग | लाभ | शुभ | चर | काल | उद्वेग |
9:00-10:30 | तीसरा | चर | काल | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ | शुभ |
10:30-12:00 | चौथा | रोग | लाभ | शुभ | चर | काल | उद्वेग | अमृत |
12:00-1:30 | पाँचवां | काल | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ | शुभ | चर |
1:30-3:00 | छटा | लाभ | शुभ | चर | काल | उद्वेग | अमृत | रोग |
3:00-4:30 | सातवां | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ | शुभ | चर | काल |
4:30-6:00 | आठवां | शुभ | चर | काल | उद्वेग | अमृत | रोग | लाभ |