
कुरुक्षेत्र महोत्सव, भारत के राज्य हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थान में पर मानाया जाता है। यह उत्सव हिन्दूओं के प्रसिद्ध एवं धार्मिक ग्रंथ भगवाग गीता के जन्म के उपलक्ष्य में मानाया जाता है। कुरुक्षेत्र हिन्दूओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह उत्सव पारंपरिक लूनर कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के 11 वें दिन आयोजित किया जाता है। यह त्यौहार न केवल भगवद गीता के जन्म का उत्सव मनाता है, बल्कि पांडवों और कौरवों के बीच महाभारत के रोमांचक युद्ध के लिए श्रद्धांजलि भी देता है।
महाभारत काल में जब अर्जुन ने कौरवों से युद्ध करने से मना कर दिया था। जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन भगवद् गीता का ज्ञान दिया था। यह गीता का ज्ञान इस धरती पर इसी दिन पहुंचा था। महाभारत का युद्ध कुरूक्षेत्र पर ही लड़ा गया था और गीता ज्ञान भी इस स्थान पर ही दिया गया था। इसलिए इस त्यौहार का यह स्थान शुभ माना जाता है। यह त्यौहार एक सप्ताह तक मानाया जाता है। इस दौरान कुरुक्षेत्र में लाखों श्रद्धालु भारत के हर राज्य से इस त्यौहार में शामिल होने के लिए आते है।
सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव का आयोजन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा पर्यटन, जिला प्रशासन, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला, सूचना और जनसंपर्क विभाग, हरियाणा द्वारा किया जाता है, जो इस त्यौहार को हिंदू धर्म का एक शानदार उत्सव बनाते हैं।