कुसुम सरोवर एक एतिहासिक स्थान है जोकि गोवर्धन, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। कुसुम वन सरोवर पवित्र गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में स्थित है। यह गोवर्धन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह सरोवर पवित्र राधा कुंड से पदैल लगभग 25 मिनट की दूरी पर स्थित कुसुम सरोवर 450 फीट लंबा और 60 फीट गहरा है। यह चारों तरफ से सीढ़ियों से घिरा है। सरोवर के आस पास कई कदम्ब के पेड़ लगे हैं।
ऐसा मान जाता है कि राधारानी की सखी कुसमा के नाम पर इस सरोवर को कुसुम वन सरोवर कहा गया। यह भी कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण राधाजी के श्रृंगार के लिए फूल एकत्र कर मालायें गुंथा करते थे यहां के प्राचीन सरोवर को मध्य प्रदेश के बुंदेला राजा वीरसिंह देव ने 17वीं शताब्दी के प्रारम्भ में पक्का बनवाया था। तत्पश्चात् राजा सूरजमल ने इसका जीर्णोद्धार कराकर इसे कलात्मक और भव्य सरोवर का स्वरूप प्रदान किया। सरोवर के पश्चिम में राजा जवाहर सिंह ने अपने पिता राजा सूरजमल और अपनी तीनों माताओं क्रमशः किशोरी हंसिया तथा लक्षमी की समृति में एक ऊंचे चबूतरे पर अत्यंत कलात्मक छतरियों का निर्माण कराया। मुख्य छतरी राजा सूरजमल सिंह की है इसके भीतरी भाग में सूरजमल के जीवन और भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से सबंधित चित्र निरुपित है।
सरोवर के दक्षिण- पूर्व कोने पर स्थापित शिलालेख से ज्ञात होता है कि मुगल सम्राट अकबर ने यहां जीव हिंसा पररोक लगाने का फरमान जारी किया था। इसी शिलालेख पर 1855 ई. में अंकित अन्य अभिलेख से ज्ञात होता है कि अग्रजों ने भी अकबर की इस नीति का अनुसरण किया था। कुसुम सरोवर गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक पर्यटक स्थल है। जो अब सरकार के संरक्षण में है।