सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Location: SK Bole Marg, Prabhadevi, Mumbai, Maharashtra 400028.
  • Timings Open and Close: 05:30 am to 10:00 pm and on Tuesday - 03:15 am to 12:30 am.
  • Nearest Railway Station: Dadar Railway Station -West at a distance of nearly 2.2 kilometres from the Siddhivinayak Temple.
  • Nearest Airport : Chhatrapati Shivaji International Airport at a distance of nearly 10.4 kilometres from the Siddhivinayak Temple.
  • Best time to visti: October to March (Wednesday to Friday). On Tuesday is very crowded.
  • Did you know: The temple of Sri Siddhivinayak Ganapati Temple was constructed on 19 November 1801 and was built by Lakshmana Vithu and Deubai Patil. This temple is Ganesh famous temple of India.

श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भारत के राज्य महाराष्ट्र के प्रभादेवी स्थान पर स्थित है। यह मंदिर महाराष्ट्र का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। महाराष्ट्र में भगवान गणेश को अधिक पूजा जाता है। इसलिए गणेश चतुर्थी का त्यौहार महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है।

श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर का मंदिर का निर्माण 19 नवम्बर 1801 में किया गया था और लक्ष्मण विठु और देउबाई पाटिल द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर का नाम महाराष्ट्र का सबसे अमीर मंदिरों में आता है। पहले यह मंदिर बहुत छोटा हुआ करता था। समय के साथ साथ इस मंदिर का कई बार पुनः निर्माण हुआ है। 1991 में महाराष्ट्र सरकार ने वर्तमान मंदिर के निर्माण के लिए 20 हजार वर्गफीट जमीन प्रदान करी थी। यह मंदिर पांच मंजिला है। इस मंदिर में रोगियों को मुफ्त चिकित्सा भी दी जाती है, और एक रसोई घर भी है जहां पर भगवान गणेश के भोग के लिए मोदक बनाये जाते है।

मंदिर के गर्भगृह की आंतरिक छत को सोने से मढ़ा गया है, तथा दरवाजों पर अष्टविनायक की छवियों को दर्शाया गया है। सिद्धिविनायक, गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्धपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं। मंदिर में भगवान गणेश की सिद्धिविनायक मूर्ति की विशेषता यह है कि उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक (लड्डुओं) भरा कटोरा है। गणपति के दोनों ओर उनकी दोनो पत्नियां ऋद्धि और सिद्धि हैं जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का प्रतीक है। मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा है। सिद्धि विनायक का विग्रह ढाई फीट ऊंचा होता है और यह दो फीट चैड़े एक ही काले शिलाखंड से बना होता है।

सिद्धिविनायक मंदिर में हर मंगलवार को भारी संख्या में भक्तगण गणपति बप्पा के दर्शन कर अपनी अभिलाषा पूरी करते हैं। मंगलवार को यहां इतनी भीड़ होती है कि लाइन में चार-पांच घंटे खड़े होने के बाद दर्शन हो पाते हैं। हर साल गणपति पूजा महोत्सव यहां भाद्रपद की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विशेष समारोह पूर्वक मनाया जाता है।




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