भगवद गीता अध्याय 4, श्लोक 4

अर्जुन उवाच |
अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वत: |
कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति || 4||

अर्जुन ने कहा: तुम विवस्वान के बहुत बाद पैदा हुए। मैं कैसे समझ सकता हूँ कि शुरुआत में आपने इस विज्ञान को उसे निर्देश दिया था?

शब्द से शब्द का अर्थ:

अर्जुन उवाच - अर्जुन ने कहा
अपरं - बाद में
भवतो - अपने
जन्म - जन्म
परं  - पूर्व
विवस्वत: - विवस्वान, सूर्य-देवता
कथम - कैसे
एतत् - यह
द्विजानीयां - मैं समझने के लिए हूँ
तवं ​ - आप
आदौ - शुरुआत में
प्रोक्तवा - सिखाया जाता है
इति - इस प्रकार







2024 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं