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हे भोले, हे भोले, शंकर पधारो
हे भोले शंभू पधारो
बैठे चुप के कहा, जाता धारी पधारो
बैठे चुप के कहा, गंगा जात्ता मेी तुम्हारी
हो हो गंगा जात्ता में तुम्हारी
हम प्यासे यहा, महा सती के पति, मेरी सुनो भंडाना,
हे भोले शंकर पधारो, बोलो छुपे हो कहा
आओ मुक्ति के दाता हो, आओ मुक्ति के दाता
पड़ा संकट यहा, महा सती के पति, बोलो छुपे हो कहा, हे भोले….
हे भोले, भागीरथ को गंगा, प्रभु तूने दे थी
सदर जी के पुत्रो को मुक्ति मिल्ली, नीलकंत महादेव, ह्यूम है भरोसा
इचा तुम्हारे बिन, कुछ भी ना होता
हे भोले शंभू पधारो, हे गौरी शंकर पधारो
किसने रोका वाहा, आओ भस्मस रमिया, सबको ताज के यहा
आओ भस्मस रमिया, सबको ताज के यहा…हे बोले…
मेरे तपस्या का, फल चाहे लेलो
गंगा जल अब अपने, भक्तो को डेडॉ
प्राण पखेरू कही, प्यासा उध जाए ना
कोई तेरे करुणा पे, उंगली उठाए ना
भिक्षा मैं मांगू, जान कल्याण की
भिक्षा मैं मांगू, जान कल्याण की
इच्छा करो पूरी, गंगा स्नान की
अब ना ढेर करो, आके कास्ट हरो, मेरे बात राक लो, मेरे लाज़ रख लो
हे भोले, गंगाधर पधारो, हे भोले विश्ढर पधारो
डोर टूट जाए ना, मेरा जाग में, नही कोई तेरे बिना
मेरा जाग में, नही कोई तेरे बिना, हे भोले….