हम लोग रोज घर से रोज यात्रा के लिए कहीं न कहीं जाते है और हम चाहते है कि हमारी यात्रा शुभ व लाभदायक हो। हिन्दू धर्म के अनुसार अगर व्यक्ति घर से यात्रा पर जाते हुए कुछ कार्य करें और नियम बना लें तो उसकी यात्रा शुभ हो सकती है। कई लोग घर से यात्रा पर जाते है तो दही का सेवन करते है और कुछ लोगों का यह मनाना होता है कि मिठा खाकर यात्रा पर नहीं जाते है, अगर मिठा खाया होता है तो नमकीन खाने के लिए बोला जाता है।
यात्रा के पहले क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसको हम एक श्लोक के माध्यम से समझ सकते है।
श्रवि को पान सोम का दर्पण।
मंगल को गुड़ करिये अर्पण।।
बुधे धनियां बीफे जीर।
शुक्र कहे मोहि दधि की पीर।।
कहै शनी में अदरख पावौ।
सुख-सम्पत्ति निश्चयघर लावौ।।
वस्तु ग्राह्मकरि जो जहाँजावै।
सिद्धिकाज करि घर नरआवै।।
अर्थ: - रविवार में यात्रा से पहले पान, मंगलवार में गुड़, बुधवार में धनिया, गुरुवार में जीरा, शुक्रवार को दही, शनिवार में अदरख खाकर यात्रा प्रारम्भ करें और सोमवार में शीशा देखकर यात्रा प्रारम्भ करें।