मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन घर पर रहती है? जानें गरुड़ पुराण से

हमारे अन्दर बहुत से प्रश्न उठते है कि मनुष्य के मरने के बाद आत्मा का क्या होता है? आत्मा मृत्यु के बाद कहाँ जाती है? आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए? मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन घर पर रहती है? इन सभी प्रश्नों का उत्तर गरुड पुराण में बताया गया है।

गरुड़ पुराण में लिखा है कि जब किसी अपने का देहांत होता है, तो उनकी आत्मा तुरंत घर नहीं छोड़ती। वह लगभग 13 दिनों तक उसी घर में रहती है, अपने प्रियजनों को देखती है, उनके दुःख और आँसुओं को महसूस करती है। यही कारण है कि इन दिनों गरुड़ पुराण का पाठ करवाना अत्यंत शुभ और आवश्यक माना जाता है।

कहा जाता है कि कुछ आत्माएँ तुरंत नया जन्म धारण कर लेती हैं, किसी को 3 दिन लगते हैं, किसी को 10 से 13 दिन, तो किसी को डेढ़ महीने तक का समय लगता है। लेकिन यदि मृत्यु अकाल हो, मोह गहरा हो, या स्मृति प्रबल हो, तो आत्मा को नया जन्म लेने में एक वर्ष तक लग सकता है।

इसीलिए तीसरे वर्ष उसका अंतिम तर्पण किया जाता है। फिर भी कुछ आत्माएँ भटकी रह जाती हैं, जिन्हें मार्ग नहीं दिखता। ऐसी स्थिति में गरुड़ पुराण का पाठ आत्मा के लिए प्रकाश का काम करता है। इसके श्रवण मात्र से ही आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति संभव हो जाती है।

गरुड़ पुराण क्या है? 🙏

गरुड़ पुराण केवल मृत्यु या परलोक का ग्रंथ नहीं है। यह भगवान विष्णु के ज्ञान, नीति, धर्म और जीवन के रहस्यों से भरा हुआ है।

कहानी यह है कि गरुड़ जी ने भगवान विष्णु से मृत्यु, यमलोक, नरक-स्वर्ग, पाप-पुण्य और मोक्ष से जुड़े प्रश्न पूछे। भगवान विष्णु ने इन प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया और यही प्रश्न-उत्तर की श्रृंखला गरुड़ पुराण के रूप में संकलित हुई।

यह पुराण हमें सिखाता है कि मृत्यु केवल अंत नहीं है, बल्कि एक नए आरंभ की सीढ़ी है। इसमें जीवन जीने के सात महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं जिन्हें हर व्यक्ति आसानी से अपने जीवन में उतार सकता है।

क्यों पढ़ें गरुड़ पुराण? 

गरुड़ पुराण न केवल आत्मा की मुक्ति का मार्ग दिखाता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि जीवन को किस तरह धर्म, नीति और ज्ञान के साथ जिया जाए।
यह हमें याद दिलाता है कि मृत्यु निश्चित है, लेकिन उससे पहले जीवन को सार्थक और पुण्यमय बनाना ही असली साधना है।

👉 गरुड़ पुराण वास्तव में मृत्यु का नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक ग्रंथ है। इसे पढ़ना हर इंसान के लिए जरूरी है क्योंकि इसमें न केवल मृत्यु के रहस्य हैं बल्कि जीवन को सुंदर, शांत और धर्ममय बनाने के सूत्र भी छिपे हुए हैं।




मंत्र






प्रश्न और उत्तर







2025 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं