रत्नावली शक्ति पीठ

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Location: Ratnavali Shakti Peeth, shiv temple, near ghanteshwar, Krishna Nagar, Khanakul, West Bengal 712418.
  • Timings: Open 05:30 am and Close 10:00 pm (timing is changed according to the season).
  • Best time to visit : Between August to March and During the festival Durga Puja and Navaratri.
  • Nearest Railway Station : Howrah Railway Station at a distance of nearly 73.6 kilometres from Ratnavali Shakti Peeth.
  • Nearest Airport : Netaji Subhas Chandra Airport at a distance of nearly 77.8 kilometres from Ratnavali Shakti Peeth.
  • Major festivals: Durga Puja and Navaratri.
  • Did you know: Ratnavali temple is one of the 51 Shaktipeeths of Mother. It is believed that there is still a difference between the fixed place of Ratnavali Shaktipeeth i.e. the right place is unknown.

रत्नावली शक्ति पीठ हिन्दूओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है। रत्नावली शक्ति पीठ में माता सती के दांये कंधे का निपात हुआ था। ऐसा माना जाता है रत्नावली शक्तिपीठ के निश्चित स्थान को लेकर अभी भी मतभेद है, अर्थात् सही स्थान अज्ञात है। बंगाल पंजिका के अनुसार यह भारत के राज्य चेन्नई में माना जाता है।

भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के जिला हुगली में खानकुल-कृष्णनगर रत्नाकर नटी के तट पर स्थित मंदिर है, जो रत्नावली शक्ति पीठ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भारत में अत्यत्न विख्यात है तथा कुछ लोगों का मानना है, कि यह सही स्थान है, जहां माता का दांया कंधा गिरा था।   

यह मंदिर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में शक्ति को ‘कुमारी’ के रूप पूजा जाता है और शिव को ‘भैरव’ के रूप में पूजा जाता है। पुराणों के अनुसार जहाँ-जहाँ सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाते हैं। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हुए हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें से सती का ‘दांया कंधा’ इस स्थान पर गिरा था।

रत्नावली शक्ति पीठ में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर दुर्गा पूजा और नवरात्र के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इन त्यौहारों के दौरान, कुछ लोग भगवान की पूजा के प्रति सम्मान और समर्पण के रूप में व्रत (भोजन नहीं खाते) रखते हैं। त्यौहार के दिनों में मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है।










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