प्रदोष व्रत 2026

महत्वपूर्ण जानकारी

  • गुरु प्रदोष व्रत
  • तिथि: 1 जनवरी 2026, गुरुवार
  • मास: पौष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
  • तिथि प्रारंभ: 1 जनवरी 2026 को 01:47 AM
  • तिथि समाप्त: 1 जनवरी 2026 को 10:22 PM

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है जो हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास और पूजा का विशेष महत्व है। "प्रदोष" का अर्थ है संध्या समय, और इस समय भगवान शिव की आराधना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।

प्रदोष व्रत को संतान प्राप्ति, स्वास्थ्य, सुख-शांति, और मोक्ष की प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। भक्तजन इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनसे जीवन के समस्त कष्टों को हरने की प्रार्थना करते हैं।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  1. स्नान और शुद्धि

    • व्रत वाले दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और मन को पवित्र रखें।
    • व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान शिव की पूजा

    • प्रदोष काल (संध्या के समय) में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और गंगाजल अर्पित करें।
    • बेलपत्र, धतूरा, और आक का फूल चढ़ाएं।
    • भगवान शिव को अक्षत, चंदन, और धूप-दीप अर्पित करें।
    • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
  3. भजन और कथा

    • भगवान शिव के भजनों का गायन करें और प्रदोष व्रत कथा का श्रवण करें।
    • परिवार और मित्रों के साथ पूजा में सम्मिलित हों।
  4. उपवास

    • पूरे दिन उपवास रखें और केवल फलाहार करें।
    • व्रत को प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के बाद ही खोलें।

प्रदोष व्रत के प्रकार

प्रदोष व्रत को तीन मुख्य प्रकारों में बांटा गया है:

  1. सोम प्रदोष व्रत: यह व्रत सोमवार को पड़ता है और शिवभक्तों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  2. शनि प्रदोष व्रत: शनिवार के दिन प्रदोष व्रत रखने से शनि दोषों से मुक्ति मिलती है।
  3. त्रयोदशी प्रदोष व्रत: प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को रखा जाने वाला सामान्य प्रदोष व्रत।

प्रदोष व्रत की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान संसार को बचाने के लिए विष का पान किया। विष के प्रभाव को शांत करने के लिए देवी पार्वती ने शिव की आराधना की। इस दिन को प्रदोष काल कहा गया और तभी से प्रदोष व्रत की परंपरा शुरू हुई। यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों से छुटकारा पाने का प्रतीक है।

प्रदोष व्रत के लाभ

  1. भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।
  2. शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  3. संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  4. पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
  5. शनि दोष और ग्रह बाधाओं से राहत मिलती है।

प्रदोष व्रत तिथि समय 2026

गुरु प्रदोष व्रत

तिथि: 1 जनवरी 2026, गुरुवार
मास: पौष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 1 जनवरी 2026 को 01:47 AM
तिथि समाप्त: 1 जनवरी 2026 को 10:22 PM


शुक्र प्रदोष व्रत

तिथि: 16 जनवरी 2026, शुक्रवार
मास: माघ, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 15 जनवरी 2026 को 08:16 PM
तिथि समाप्त: 16 जनवरी 2026 को 10:21 PM


शुक्र प्रदोष व्रत

तिथि: 30 जनवरी 2026, शुक्रवार
मास: माघ, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 30 जनवरी 2026 को 11:09 AM
तिथि समाप्त: 31 जनवरी 2026 को 08:25 AM


शनि प्रदोष व्रत

तिथि: 14 फरवरी 2026, शनिवार
मास: फाल्गुन, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 14 फरवरी 2026 को 04:01 PM
तिथि समाप्त: 15 फरवरी 2026 को 05:04 PM


रवि प्रदोष व्रत

तिथि: 1 मार्च 2026, रविवार
मास: फाल्गुन, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 28 फरवरी 2026 को 08:43 PM
तिथि समाप्त: 1 मार्च 2026 को 07:09 PM


सोम प्रदोष व्रत

तिथि: 16 मार्च 2026, सोमवार
मास: चैत्र, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 16 मार्च 2026 को 09:40 AM
तिथि समाप्त: 17 मार्च 2026 को 09:23 AM


सोम प्रदोष व्रत

तिथि: 30 मार्च 2026, सोमवार
मास: चैत्र, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 30 मार्च 2026 को 07:09 AM
तिथि समाप्त: 31 मार्च 2026 को 06:55 AM


बुध प्रदोष व्रत

तिथि: 15 अप्रैल 2026, बुधवार
मास: वैशाख, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 15 अप्रैल 2026 को 12:12 AM
तिथि समाप्त: 15 अप्रैल 2026 को 10:31 PM


भौम प्रदोष व्रत

तिथि: 28 अप्रैल 2026, मंगलवार
मास: वैशाख, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 28 अप्रैल 2026 को 06:51 PM
तिथि समाप्त: 29 अप्रैल 2026 को 07:51 PM


गुरु प्रदोष व्रत

तिथि: 14 मई 2026, गुरुवार
मास: ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 14 मई 2026 को 11:20 AM
तिथि समाप्त: 15 मई 2026 को 08:31 AM


गुरु प्रदोष व्रत

तिथि: 28 मई 2026, गुरुवार
मास: ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 28 मई 2026 को 07:56 AM
तिथि समाप्त: 29 मई 2026 को 09:50 AM


शुक्र प्रदोष व्रत

तिथि: 12 जून 2026, शुक्रवार
मास: ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 12 जून 2026 को 07:36 PM
तिथि समाप्त: 13 जून 2026 को 04:07 PM


शनि प्रदोष व्रत

तिथि: 27 जून 2026, शनिवार
मास: ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 26 जून 2026 को 10:22 PM
तिथि समाप्त: 28 जून 2026 को 12:43 AM


रवि प्रदोष व्रत

तिथि: 12 जुलाई 2026, रविवार
मास: आषाढ़, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 12 जुलाई 2026 को 02:04 AM
तिथि समाप्त: 12 जुलाई 2026 को 10:29 PM


रवि प्रदोष व्रत

तिथि: 26 जुलाई 2026, रविवार
मास: आषाढ़, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 26 जुलाई 2026 को 01:57 PM
तिथि समाप्त: 27 जुलाई 2026 को 04:14 PM


सोम प्रदोष व्रत

तिथि: 10 अगस्त 2026, सोमवार
मास: श्रावण, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 10 अगस्त 2026 को 08:00 AM
तिथि समाप्त: 11 अगस्त 2026 को 04:54 AM


भौम प्रदोष व्रत

तिथि: 25 अगस्त 2026, मंगलवार
मास: श्रावण, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त 2026 को 06:20 AM
तिथि समाप्त: 26 अगस्त 2026 को 07:59 AM


भौम प्रदोष व्रत

तिथि: 8 सितंबर 2026, मंगलवार
मास: भाद्रपद, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 8 सितंबर 2026 को 02:42 PM
तिथि समाप्त: 9 सितंबर 2026 को 12:30 PM


गुरु प्रदोष व्रत

तिथि: 24 सितंबर 2026, गुरुवार
मास: भाद्रपद, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 23 सितंबर 2026 को 10:50 PM
तिथि समाप्त: 24 सितंबर 2026 को 11:18 PM


गुरु प्रदोष व्रत

तिथि: 8 अक्टूबर 2026, गुरुवार
मास: आश्विन, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 7 अक्टूबर 2026 को 11:16 PM
तिथि समाप्त: 8 अक्टूबर 2026 को 10:15 PM


शुक्र प्रदोष व्रत

तिथि: 23 अक्टूबर 2026, शुक्रवार
मास: आश्विन, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 23 अक्टूबर 2026 को 02:35 PM
तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर 2026 को 01:36 PM


शुक्र प्रदोष व्रत

तिथि: 6 नवंबर 2026, शुक्रवार
मास: कार्तिक, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 6 नवंबर 2026 को 10:30 AM
तिथि समाप्त: 7 नवंबर 2026 को 10:47 AM


रवि प्रदोष व्रत

तिथि: 22 नवंबर 2026, रविवार
मास: कार्तिक, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 22 नवंबर 2026 को 04:56 AM
तिथि समाप्त: 23 नवंबर 2026 को 02:36 AM


रवि प्रदोष व्रत

तिथि: 6 दिसंबर 2026, रविवार
मास: मार्गशीर्ष, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 6 दिसंबर 2026 को 12:51 AM
तिथि समाप्त: 7 दिसंबर 2026 को 02:22 AM


सोम प्रदोष व्रत

तिथि: 21 दिसंबर 2026, सोमवार
मास: मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 21 दिसंबर 2026 को 05:36 PM
तिथि समाप्त: 22 दिसंबर 2026 को 02:23 PM









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