संकट मोचन हनुमान मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। यह मंदिर पूर्णतयः भगवान हनुमान जी को समर्पित है। भगवान हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है। जिसका अर्थ है संकट व दुखों का हरने वाला। मंदिर में प्रसाद के रूप में शुद्ध देशी धी व बेसन से निर्मित लड्डू चढ़ाया जाता है। जो मंदिर परिसर में ही मिलता है।
इस मंदिर का नाम वाराणसी के पवित्र व प्रसिद्ध मंदिरों में आता है। मंदिर की विशेषता, इसमें स्थिापित हनुमान जी कि मूर्ति है। जो कि मिट्टी से बनी है और हनुमान जी कि यह मूर्ति प्रभु श्री राम की ओर देखते हुए है। श्री राम और सीता जी के ठीक सीध में संकट मोचन हनुमान विग्रह है। यह मंदिर लगभग एक एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर बना हुआ है। इस मंदिर के अन्दर पानी का कुंआ भी है। जिसका जल श्रद्धालु पीते है।
ऐसा माना जाता है कि संकट मोचन हनुमान मंदिर उसी जगह बना हुआ है, जहां पर महांकवि तुलसीदास जी का स्वप्न में हनुमान जी आये थे। इस मंदिर की स्थिापना महाकवि तुलसीदास जी ने की थी। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना की थी। इस मंदिर का पुनः निर्माण बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के स्थापक श्री मदन मोहन मालवीय ने सन् 1900 ई. में की थी। यह मंदिर तुलसीमानस और श्री दुर्गो कुण्ड मंदिर के पास स्थित है।
संकट मोचन हनुमान मंदिर में 7 मार्च 2006 में आंतकवादी हमलें में एक विस्फोट इस मंदिर में हुआ था। विस्फोट उस समय हुआ जब श्रद्धालु भगवान हनुमान जी कि आरती कर रहें थे। परन्तु अगले दिन से ही श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में हनुमान जी कि आरती पूजा पुनः आरंभ कर दी थी। विस्फोट के बाद से यह मंदिर काफी प्रसिद्ध हो गया था। मंदिर के परिसर में, मंदिर की सुरक्षा के लिए पुलिस चैकी स्थापित कि गई है।
मंदिर का संचालन का कार्य संकट मोचन फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। इस संस्था की स्थापना मंदिर के मंहत श्री वीर भद्र विश्र द्वारा 1982 में की थी।