अग्रोहा धाम एक हिंदूओं का एक धार्मिक स्थल है जो भारत के राज्य हरियाणा हिसार के अग्रोहा में स्थित है। इस परिसर का निर्माण 1976 में शुरू हुआ और 1984 में पूरा हुआ था। यह मंदिर हिन्दू देवी महालक्ष्मी और अग्रसेन महाराज को समर्पित है। अग्रोहा धाम परिसर बहुत वास्तुकला बहुत सुन्दर है देखने में यह परिसर किसी महल जैसा लगता है। परिसर के प्रवेश पर गेट दोनों तरफ हाथी की मूर्तिया स्थिपित की गई है।
अग्रोहा धाम परिसर को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है। परिसर के केन्द्र में देवी महालक्ष्मी जी का मंदिर है। परिसर के पश्चिमी भाग में देवी सरस्वती जी का मंदिर है और परिसर के पूर्वी भाग में महाराजा अग्रसेन जी का मंदिर है। तीन मंदिर तक जाने के लिए अलग अलग सीढियों द्वारा जाया जाता है। जो इस परिसर को महल जैसा अनुभव कराता है।
अग्रोहा धाम का निर्माण करने का फैसला 1976 में अखिल भारतीय अग्रवाल प्रतिनिधियों के सम्मेलन में किया गया था। श्रीकृष्ण मोदी और रामेश्वर दास गुप्ता के तहत इस उद्देश्य के लिए ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। यह भूमि लक्ष्मी नारायण गुप्ता द्वारा ट्रस्ट को दान दी गई थी और तिलक राज अग्रवाल की देख-रेख में निर्माण कार्य शुरू किया गया था। मुख्य मंदिर का निर्माण 1984 में पूरा हुआ था जबकि 1985 में सुभाष गोयल के तहत अन्य सुविधाओं का निर्माण शुरू हुआ था। इस परिसर का रखरखाव का कार्य अग्रोहा विकास ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। इस ट्रस्ट की स्थिापना 1976 में किया गया था।
शक्ति सरोवर मंदिर परिसर के पीछे एक बड़ा तालाब है। यह 1988 में भारत की 41 नदियों से पानी से भर गया था। परिसर उत्तर-पश्चिम के अंत में समुद्र मंथन के दृश्य को दर्शाया गया है। एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र शक्ति सरोवर के पास स्थित है। जहां योग के माध्यम से उपचार किया जाता है। परिसर के निकट एक नौकायन स्थल के साथ एक मनोरंजन पार्क बनाया गया है।
अग्रोहा धाम में सभी त्यौहार मनाये जाते है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है। अग्रोहा महा कुंभ समारोह हर साल शरद पूर्णिमा पर आयोजित होता है।