भगवद गीता अध्याय 1, श्लोक 34

आचार्या: पितर: पुत्रास्तथैव च पितामहा: |
मातुला: श्वशुरा: पौत्रा: श्याला: सम्बन्धिनस्तथा || 34||

शिक्षक, पिता, पुत्र, दादा, मामा, पोते, पिता, दादा, भतीजे, भाई-बहन और अन्य परिजन यहां मौजूद हैं, जिससे उनके जीवन और धन की प्राप्ति होती है।

शब्द से शब्द का अर्थ:

आचार्य - शिक्षक
पितरौ - पिता
पुत्रा - पुत्र
तत - साथ ही
एव - वास्तव में
चा - भी
पितामह - दादा
मातुल्य - मामा
श्वशुरा:  - पिता जी
पौत्राः - पौत्र
श्याला: - भाई जी
सम्बन्धिनस्तथा - परिजन







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