माया देवी मंदिर देवी माया को समर्पित है। माया देवी मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है। माया देवी को शाक्ति का एक रूप माना जाता है। माया देवी मंदिर देव भूमि हरिद्वार उत्तरांखड राज्य में स्थित है। माना जाता है कि माया देवी मंदिर 11वीं शताब्दी का है। माया देवी का यह मंदिर 53 सिद्ध पीठों में तथा हरिद्वार मे पंचतीर्थ स्थलों से एक है। भक्त देवी पर प्रसाद के रूप में नारियल, फल, फुलों की माला और अगरबत्ती अर्पित करते है। ऐसा माना जाता है कि देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान देवी सती के शरीर का दिल और नाभि इस स्थान पर गिरे थे। बाद मे इस स्थान पर माया देवी का मंदिर बनाया गया था।
नव राात्रि के त्यौहार के दौरान बड़ी संख्या में लोग दर्शनों के लिए मंदिर में आते है।
माया देवी मंदिर में देवी की मूर्ति के चार भुजा और तीन मुंह है। माया देवी की मूर्ति के बायें हाथ पर देवी काली और दायें हाथ पर देवी कामाख्या की मूर्ति है। माया देवी मंदिर हरिद्वार के तीन शक्ति पीठ में से एक है दो अन्य शक्ति पीठ चण्डी देवी और मनसा देवी है। ये तीनों मंदिर मिल कर त्रिभुज की स्थिति की रचना करते है। ऐसा माना जाता है कि कभी हरिद्वार मायापुरी के नाम से जाना जाता था।
माया मंदिर हरिद्वार में हर की पौड़ी से पूर्व दिशा में स्थित है मंदिर जाने के लिए आसानी से बसों और आॅटो रिक्शा के द्वारा जाया जा सकता है।