जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण की जन्म दिवस, हिन्दू धर्म में एक उत्सव है जो भारत और पूरे विश्व में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस अद्वितीय जन्मोत्सव के छह दिन बाद, एक और महत्वपूर्ण उत्सव होता जिसे भगवान श्री कृष्ण छठी के रूप में मनाया जाता है।
2025 में देशभर में 15 अगस्त 2025 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इसलिए 2025 में श्री कृष्ण की छठी 21 अगस्त 2025 गुरुवार को मनाई जाएगी. 2025 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त को है. अष्टमी तिथि 09:50 से शुरू 15 अगस्त को रात्रि 09:34 बजे अष्टमी तिथि समाप्त होगी। हिंदू तिथि के अनुसार अष्टमी तिथि 16 अगस्त 2025 को है। लेकिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जाएगी।
छठी, श्री कृष्ण के आगमन की खुशी का उत्सव है जो भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, किसी घर में बच्चे के जन्म के 6 दिन बाद छठी मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन षष्ठी देवी की पूजा करने से बच्चा का अच्छा स्वस्थ रहता है। षष्ठी देवी को बच्चों की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उनकी कृपा से राजा प्रियव्रत के मृत पुत्र को पुनर्जीवित किया गया था। इसी के कारण बच्चे के जन्म के छह दिन बाद छठी पूजा की जाती है।
छठी के उत्सव में, लोग अपने घरों को सजाते हैं, धूप, दीपक, और फूलों से सजाकर उसे आत्मा की पवित्रता से भरते हैं। मंदिरों में भी विशेष पूजा और आराधना की जाती है।
छठी के मौके पर, भगवान श्री कृष्ण की आराधना की जाती है, उनके चित्र, मूर्तियां, और आराधना सामग्री के साथ।
छठी, भगवान श्री कृष्ण के आगमन के उत्सव की महत्वपूर्ण है, जो उनकी जन्म के छह दिन बाद मनाया जाता है। यह उत्सव भगवान के बचपन की छवि और उनके अनन्य दिव्य गुणों को दर्शाने का एक मौका है, जो उनकी अमर बाल लीलाओं और उनके अनन्य ज्ञान की ओर दिलचस्प दरवाजा खोलता है। यह एक उत्सव है न केवल एक प्रिय दैवता का सम्मान, बल्कि उसके उत्सवों में शामिल होने वालों के बीच प्यार और एकता को बढ़ावा देने वाला है।
गुरुवार, 21 अगस्त 2025 को श्री कृष्ण की छठी मनाई जाएगी।