जीण माता मन्दिर

जीण माता मन्दिर

महत्वपूर्ण जानकारी

  • पता: C5VW+P37, रावता, सीकर, राजस्थान 332402।
  • समय: सुबह 4.00 बजे से रात 10.00 बजे तक (सुबह और शाम की आरती के दौरान घूमने के लिए सबसे अच्छा)
  • आरती का समय: सुबह का समय - सुबह 7:10 - 7:30 और शाम का समय - शाम 7:25 - 8:20 बजे।
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: जीण माता मंदिर से लगभग 15.2 किलोमीटर की दूरी पर सीकर रेलवे स्टेशन।
  • निकटतम हवाई अड्डा: जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जीण माता मंदिर से लगभग 125 किलोमीटर की दूरी पर।
  • क्या आप जानते हैं: जीण माता के मुख्य अनुयायियों में क्षेत्र के बनिया के साथ राजपूत, जींगर और मीना शामिल हैं। जीण माता मीना की कुलदेवी, शेखावाटी राजपूतों (शेखावत) और राजस्थान के योद्धा वर्ग, जींगर हैं।

जीण माता (देवी शक्ति का) का मंदिर अरावली पहाड़ियों में, सीकर जिले में, जयपुर से 115 किमी राजस्थान में स्थित है । जीण माता मां दुर्गा की अवतार है। जीण माता मंदिर शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है और असली नाम जंयतीमाला था। जीण माता के पवित्र मंदिर को एक हजार साल पुराना माना जाता है। इस मंदिर के निर्माण का सही समय पता नहीं है। ऐसा माना जाता है पांडवों काल के दौरान जब पांडवो को हस्तिनापुर से निर्वासन के दौरान पांडवों द्वारा बनाया गया था। जीण माता मंदिर शुरुआती समय से तीर्थ यात्रा की एक जगह रही थी और कई बार इस मंदिर कि मरम्मत की गई थी और कई बार फिर से बनाया था। मंदिर के चारों तरफ प्राकृतिक वनस्पति व जीव-जन्तुओं का सन्दुर नजारा है। मंदिर की वास्तुकला बहुत अच्छी है। मंदिर के मुख्य हाॅल के सभी खंभों पर उपर से नीचे उत्कीर्ण वनस्पतियों, फूल पत्तियां और जानवरों, नर्तकों और देवताओं के चित्र से कवर किया गये है।

यह घने जंगल से घिरा हुआ है। इसका पूरा नाम जयंती माता था। मंदिर का निर्माण लगभग 1200 साल पहले किया गया था। जीण माताजी का मंदिर प्रारंभिक समय से तीर्थस्थान था और कई बार इसकी मरम्मत और पुनर्निर्माण किया गया था।

ऐसा माना जाता है कि एक गांव चुरू जिले के धाबू गांव में एक राजा अप्सरा से प्यार करता था और इस शर्त पर शादी कर ली कि वह बिना किसी जानकारी के उसके स्थान पर नहीं आयेगा। राजा को एक पुत्र हर्ष और एक पुत्री जीण प्राप्त हुई। दोनों बच्चों ने चरम तप अभ्यास किया और हर्ष भैरों के अवतार के रूप में और बेटी जीण दुर्गा के अवतार के रूप का दर्जा प्राप्त किया। जीण माता को आठ हथियारों के साथ महिषासुर मर्दिनी दुर्गा के रूप में भी जाना जाता है।

यह पर आये भक्तों ठहरने के लिए बड़ी संख्या में धर्मशाला है। इस मंदिर की पहाड़ी की चोटी पर भाई हर्ष भैरव नाथ का मंदिर है। जीण माता मंदिर भारत व विदेशों के भक्तो की एक बड़ी संख्या को आकर्षित करता है। जीण माता मंदिर में भक्त अपने पूजा-अर्जना के लिए व दर्शन के लिए पूरे साल आते है। नवरात्रि त्योहार के अवसर पर विशेष पूजा कि व्यवस्था की जाती है।

जीण माता के मुख्य अनुयायियों में क्षेत्र के बनिया, राजपूद, जींगरा और मीना शामिल है। जीण माता शेखावाटी राजपूत, जींगरा, मीना और बनियों के कुलदेवी है। जीण माता के अनुयायियों की एक बड़ी संख्या में माता के दर्शन हेतु कोलकाता से भी आते हैे।

 




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